10 मई 2013

माफ़ी मांगनी होगी उन्हें देश से

देश हम सबका है ,हमारा है और इसकी अखंडता और संप्रभुता को बनाये रखने के लिए हम सब की जिम्मेदारी एक समान है , फिर  इस से कोई फर्क नहीं पड़ता के आप मुसलमान हो या फिर हम हिन्दू या आप सिख हो और हम इसाई . जाति -धर्म से कही ऊपर है हमारे लिए हामरे देश का सम्मान ,जिसे हमारे पूर्वजों ने अपनी जान गवां कर पाया है . संस्कृति और सांस्कृतिक धरोहर हमे हमारे पूर्वजों की याद दिलाता है , हमें -हमारी पहचान को कायम रखने का बस यही एक जरिया है , हमारे हिम्मत और हौशले को और बुलंद करता है .   

संसद हमारे देश की  शान है , आजाद भारत यहीं से अपना पहला सुनहरा सफ़र शुरू किया था , राष्ट्रगान -गीत और राष्ट्रध्वज  इसके सम्मान में चार - चाँद  लगाता है और हमें अपने भारतीय होने पर फख्र महशुस करवाता है . तो यदि ये किसी व्यक्ति -विशेष को ये सब गलत और इश्लाम विरोधी लगता है तो हम उन्हें मानसिक रोगी करार देते है . मुझे नहीं लगता की कोई  भी मज़हब  हमारे माननीये सांसद  ''बर्क '' के बातों से इत्तेफाक रखता होगा . ये देश के लिए घोर अपमान है . माफ़ी मांगनी  होगी उन्हें देश से , विधायिका और न्यायपालिका को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे ताकि फिर कोई इस तरह के नीच हरकत को अंजाम ना दे , जिससे हमारे देश और देशवाशियों को शर्मिंदगी का अह्शाश हो .

''अपनों ने हमे कमज़ोर किया है,और हम मिलकर भुगते हैं ,
 वरना दुश्मन की निगाह उठने के काबिल ना होता ''

संसद का एक अहम् अंग राष्ट्रपति भी होता है और कुछ वर्ष पहले  एक मुसलमान महान  माननीय  ''कलाम '' भारत के राष्ट्रपति रह चुके है , और उनपर देश को फख्र है ...और उतना ही उन्हें देश पर .

So  I am Sorry We Are Indian Nothing Else.

2 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

YOU ARE RIGHT.

Manish Jha ने कहा…

Thank you