23 जन॰ 2009

*रहमान तुझे सलाम *

ए.आर .रहमान ने भारतीय संगीत को दुनिया की नजरों में एक खास पहचान दिया है। वो भी इस दौर में जब भारतीय संगीत अपनी मौलिक पहचान खोते जा रही हैऔर यहाँ के संगीतकार धुन कॉपी करने में महारथ हांसिल कर रहे हैं।पर जो भी हो हमारे मनोरंजन का शील -शिला चल रहा है और श्याद इसीलिए फर्क भी नही परता कि संगीत की धुनों से असली की खुशबू रही है या कुछ और। अल्ला रक्खा रहमानको हम वर्तमान भारतीय संगीतकार से अलग श्रेणी में रखते है और निसंदेह वो हैं भी इस काबिल क्योंकि कहीं कहीं उनके संगीत में भारतीय संस्कृति की धुन बजती है। और यही एक वजह है। उनके संगीत में क्षेत्रीय और शहरी स्टाइल का अद्भुत मिश्रण होता है। रहमान नाम आज भारतीय संगीतकारों में चोटी पर लहरा रहा हैचर्चित फ़िल्म "स्लमडॉग मिलिनेयर " में उनके द्वारा दिए गये संगीत को प्रतिष्ठित ऑस्कर अवार्ड के लिए नामित किया गया है। उन्हें ऑस्कर अवार्ड के तीन श्रेणी -श्रेष्ठ संगीत और उनके दो गाने को बेहतरीन मौलिक गानों के श्रेणी में नामित किया गया है। वह यह गौरव अर्जित करने वाले प्रथम भारतीय है। कुछ दिन पहले उन्हें इसी फ़िल्म के लिए "गोल्डन ग्लोब" अवार्ड भी मिले थे। निस्चित ही .आर रहमान पर हम सब भारतवासियों को गर्व है। आइये हम सब मिलकर उन्हें सुभकामनाये दें कि वो आगामी २२ फ़रवरी को प्रथम भारतीय ऑस्कर विजेता संगीतकार बने। और यूंही भारतीय संगीत कि खुशबू बिखेरते रहेंदो लाइन हमारे संस्कृति के नाम ......... "तुम्हें भुला दूं मै कैसे तू तो हमारे रगों में बहती है ,हाँ तू तो हमारी संस्कृति है जो भीर में भी पहचान देती है " जय हिंद, जय भारत

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