सबसे पहले शुभकामना
फिल्म निर्माता नितिन कक्कड़ , अभिनेता शारीब हाशमी और फिल्म से जुड़े तमाम कलाकार
को . लीक से हटकर फिल्म बनाना कितना जोखिम भरा काम है इस बात को फिल्मिस्तान के डायरेक्टर
नितिन कक्कड़ से बेहतर और कौन जानता होगा . फिल्म फिल्मिस्तान २०१२ से बनकर तैयार
है लेकिन अब जाके सिनेमा घरों में लगी है . सोच कर थोड़ा
अजीब लगता है और एक सिनेमा प्रेमी होने के कारण काफी दुःख भी हो रहा है.. आज मै इस
फिल्म की समीक्षा करने नहीं जा रहा हूं क्योंकि पिछले दो साल में फिल्मिस्तान को
कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से नवाज़ा जा चूका है और कई धांसू फिल्म
समीक्षक भी इसकी तारीफ़ कर चुके हैं , तो यक़ीनन फिल्म बेहतरीन होगी.
तो बैगेर फिल्म के
बारे में कुछ बताए हुए आज मै ये कहना चाहता हूं कि चलिए इस फिल्म को देखकर आते हैं
क्योंकि बहुत कम ऐसी फिल्मे आती है जो हर क्षेत्र से कसा हुआ
हो फिर चाहे वो पटकथा , अभिनय ,निर्देशन या संगीत कोई भी क्षेत्र हो . मै
दुर्भाग्य समझता हूं भारतीय फिल्म उद्योग के लिए जिसने ऐसे फिल्म को रिलीज करने में
इतने साल खपा दिया , फिल्मिस्तान ने १०० करोड़ क्लब को भी ऐना दिखाया है ..एक और
बात आजतक हमने जो हिंदुस्तान और पाकिस्तान पर फिल्मे देखि है उसमे या तो गुस्सा
देखा है या जबरदस्ती का प्यार पहली बार एक अलग नज़रिए से किसी ने इस रिश्ते के डोर
को छुआ है.. तो चलिए देखकर आते है एक फ़िल्मी फिल्म फिल्मिस्तान.
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