इस चुनाव में अगर किसी को
सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है तो वो है मीडिया ,क्योंकि मीडिया के साख पर ये धब्बा
लगा है कि वो खबर को या तो मूलतः पक्ष में दिखायें है या फिर पूर्णतः विपक्ष में ,
पेड न्यूज का भी दबदबा रहा है और कुछ वरिष्ठ नेता पर आरोप भी लगे... तो सवाल ये उठता
है की क्या आज भारतीय मीडिया इस काबिल है
कि वो विश्व प्रेस दिवस /विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस सीना ठोक कर मना सके.. श्याद
आत्ममंथन की जरुरत है जो ये बताएगा की मीडिया के इस दोहरी छवि से समाज को क्या नुकसान
हुआ है और क्या होने वाला है... अभी भी लोगो में उम्मीद कयाम है और वो चाहते हैं
कि उन्हें स्वतंत्र और स्वक्ष मीडिया मिले जिसपर उन्हें गर्व महसूस हो ....
‘’ आइये अबकी बार पत्रकार
को मजबूत बनाये, ताकि वो हमें निडर होकर सच से रूबरू करवाए’’
विश्व प्रेस दिवस की शुभकामना.....
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