कुछ दिन पहले खबर आई थी की राहुल बाबा के इमेज
को निखारने के लिए जापानी पी.आर. कम्पनी को करोड़ो का ठेका दिया गया है ... फिर इस
खबर के आने के एक दिन बाद हीं कांग्रेस ने अपना पल्ल्ला झाड़ते हुए ये बयान दिया कि
ऐसा कुछ भी नहीं ये एक तरह का अपवाह है और उनके पास ये सब करने के लिए इतना बजट
नहीं है....
बीजेपी भी इस बयान पर कुछ खास नहीं बोल पाया
क्योंकि उनके भावी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार एक विदेशी कम्पनी को अपना इमजे
निखरवाने में लगा चुके हैं, सो बेहतर इसी में था की वो चुप रहें...
अब सवाल ये उठता है जो राहुल गाँधी खुद को
दार्शनिक छवि में ढाले हुए थे वो अछानक इतना प्रखर और संजीदा कैसे हो गए , जरा कल
के भासन से एक डायलाग पर नज़र डालिए.... ‘‘कांग्रेस एक सोच है’’– (ये डायलाग राम
गोपाल वर्मा के फिल्म ‘‘सरकार’’ से कॉपी-पेस्ट है, जिसमे कहा गया है की सरकार एक
सोच है और सरकार को मारने के लिए पहले सरकार के सोच को मारना परेगा)....और समूचे
भाषण में वो पुरे जोशो-खरोस से पेश आये..ऐसा श्याद पहली दफा हुआ होगा की लोग राहुल
गाँधी के भाषण सुनने में जोरदार लगा हो...
यक़ीनन जापानी निखार कम्पनी ने अपना असर दिखाना
सुरु कर दिया है, फिर भी अगर कांग्रेसी इस बात से अपना पल्ला -झाड रहे हैं तो ऐसा
कहना भी पी.आर कम्पनी के प्लान में होगा ,हो सकता है..पर जो भी हो इस चुनावी लड़ाई में
अब भारत कहीं नहीं है ये तो अब जापान बनाम
अमेरिका हो गया है..... देखना ये है कि कौन किसको पटखनी देता है.....
अब आप को चाइना का पी.आर हीं बचा सकता ... बांकी जो आपी नहीं वो पापी भी नहीं या जो आप
नहीं वो सब भाफ है का नारा बुलंद हो
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